रूपरेखा-(1) प्रस्तावना
(2)अनुशासन का महत्व
(3)विद्यार्थी और अनुशासन
(4)अनुशासन की शिक्षा
(5) अनुशासन के लाभ
(6)अनुशासनहीनता एक अभिशाप
(7)अनुशासन की आवश्यकता
(8)उपसंहार
(1)प्रस्तावना- "अनुशासन" शब्द का अर्थ है नियम के पीछे चलना अनुशासन का अर्थ परतंत्रता कदापि नहीं है समय स्थान तथा परिस्थितियों के अनुरूप सामान्य नियमों का पालन करना ही अनुशासन कहलाता है अनुशासन मानव जीवन का आधार है
(2) अनुशासन का महत्व- अनुशासन का जीवन में विशेष महत्व है समस्त प्रकृति एक अनुशासन में बंध कर चलती है इसलिए उसके किसी भी क्रियाकलाप में बाधा नहीं आती है दिन-रात नियमित रूप से आते रहते हैं इससे स्पष्ट है कि अनुशासन के द्वारा ही जीवन को सार्थक बनाया जा सकता है अनुशासन से भटक जाने पर व्यक्ति चरित्रहीन दुराचारी तथा निंदनीय हो जाता है समाज में उसका कोई सम्मान नहीं रहता है
(3) विद्यार्थी और अनुशासन- विद्यार्थी जीवन मनुष्य के भावी जीवन की आधारशिला है विद्यार्थी अनुशासन में रहकर ही स्वास्थ्य शिक्षा व्यवहार तथा आचार ग्रहण कर सकता है नियमित रूप से अध्ययन करना विद्यालय जाना व्यायाम करना गुरुजनों से सद व्यवहार करना ही विद्यार्थी जीवन का अनुशासन है
(4) अनुशासन की शिक्षा -बच्चे का प्रथम संपर्क अपने माता पिता तथा परिवार से होता है अन्य प्रकार की शिक्षा के समान अनुशासन की शिक्षा बी बच्चों को यहीं से प्राप्त होती है इसके बाद विद्यालय तथा बाहर के समाज से अनुशासन के शिक्षा मिलती है अनुशासन का पालन आत्म नियंत्रण तथा भय से होता है और तुम नियंत्रण से होने वाला अनुशासन स्थिर माना गया है इसके शिक्षा संस्कारों से मिलती है दूसरे प्रकार के अनुशासन बाहर के आतंक के कारण होता है यह शासन चलाने का प्रकार है अनुशासन का नहीं
(5)अनुशासन के लाभ- अनुशासन के द्वारा ही सफल जीवन यापन किया जा सकता है अध्ययन व्यवहार खेलकूद व्यायाम शासन आदि आत्मानुशासन के उपकरण है इन्हीं के द्वारा तन तथा मन स्वस्थ रहते हैं अनुशासन के कारण ही मनुष्य उच्च आदर्शों की ओर बढ़ता है अनुशासन के द्वारा ही ज्ञान प्राप्ति संभव है पवित्र मन तथा बुद्धि से ही ज्ञान का संचार होता है चरित्र के निर्माण में अनुशासन का विशेष योग रहता है
(6) अनुशासन एक अभिशाप- अनुशासनहीनता एक अभिशाप है यह समाज को नष्ट कर देता है र दुर्भाग्यवश आज अनुशासनहीनता बढ़ रही है विद्यालय छात्रावास बाजार घर समाज आदि सभी में अनुशासन का अभाव दिखाई पड़ता है धर्म तथा समाज केे नियंत्रण समाप्त हो रहे हैं साथ ही शासन का प्रभुत्व भी घट रहा है प्रशासन में अधिकारी कर्मचारी आदि स्वयं ही अनुशासनहीन हो गए है
(7)अनुशासन की आवश्यकता- अनुशासन में रहकर ही शक्ति का संचार होता है जो राष्ट्र जितना अधिक अनुशासित होता है वह उतना ही अधिक विकास कर जाताा है अनुशासित कल कारखाने विद्यालय कृषि मजदूरी नौकरी आदि सभी के द्वारा ही देश तथाा समाज को सुखी एवंं संपन्न बनाया जा सकता है दूसरे राष्ट्रों से सुरक्षित रहने के लिए भी अनुशासन आवश्यक है सेना अनुशासन में रहकर ही युद्ध कर पाती है विद्यार्थी अनुशासन में रहकर ही ज्ञान प्राप्त कर पाता है तथा व्यापारी एवं उद्योगपति अनुशासन का पालन करके ही अपना उत्तरदायित्व निभा पाते हैं
(8) उपसंहार- बिना अनुशासन के मानव जीवन का कोई भी क्रियाकलाप नहीं चल सकता है विद्यार्थी जीवन तोो इसके बिना चल ही नहीं सकता है छात्रों के भविष्य को अनुशासन भव्य तथा मंगलमय बनाता है अनुशासन प्रिय छात्र सफलता को प्राप्त होता है सफलता अथवा असफलता का मापदंड अनुशासन है यह दैनिक जीवन को व्यवस्थित करता है सद्भावना का विस्तार करके विश्व जीवन को भव्यता प्रदान करता है अनुशासित जीवन ही महान जीवन का परिचायक है