श्री कृष्ण की 10 अदभुत लीलाएं
1. श्री कृष्ण का जन्म- श्री कृष्ण ने कंस के महल के कारावास में जन्म लिया और इनका जन्म होते ही कई प्रकार की अद्भुत चीजें होने लगी जैसे कारावास के दरवाजे खुल गए और प्रहरी गहरी नींद में सो गए। साथ ही आकाशवाणी भी हुई कि बच्चे को नंदगांव में नंदराय जी के घर पहुंचा दो और नंदराय की नवजात कन्या को लेकर आ जाओ। यह श्री कृष्ण के महामानव होने का पहला संकेत था।
2.पूतना का वध -कंस को जब यह सूचना मिली की कृष्ण नंद गांव में नंदराय के घर में है तो कंस ने पूतना नाम की राक्षसी को कृष्ण को मारने के लिए भेजा। पूतना ने कृष्ण को चुरा लिया और अपने वक्ष पर जहर लगाकर उन्हें अपना दूध पिलाने लगी। श्री कृष्ण ने पूतना के वक्ष स्थल से उसके प्राण ही खींच लिए और विशालकाय राक्षसी खुद मृत्यु को प्राप्त हो गई। जिन्होंने श्री कृष्ण की इस लीला को देखा वह हैरान था क्योंकि पूतना ने नंदगांव के सभी नवजात बच्चों को मार डाला था लेकिन नन्हें कृष्ण ने पूतना को ही यमपुरी पहुंचा दिया। उसी समय से लोगों ने कहना शुरु कर दिया कृष्ण सामान्य मनुष्य नहीं कोई महामानव हैं।
3.कालिया नाग का वध - जब कंस को यह खबर मिली की पूतना का वध हो गया है यह सुनकर गर्ल्स को बहुत ही गुस्सा आया और फिर कंस ने कालिया नाग को कंस ने यमुना में भेज दिया। इसके जहर से यमुना का जल काला पड़ गया। इस जल को पीने से पशु पक्षी और लोग मरने लगे। नंदगांव के लोग सोचने लगे कि अब गांव छोड़कर कहीं और बसना पड़ेगा लेकिन श्री कृष्ण को ऐसा होना मंजूर नहीं था। एक दिन खेल खेल में श्री कृष्ण यमुना नदी में कूद पड़े और पहुंच गए कालिया नाग के सामने। कालिया का वध कृष्ण करने ही वाले थे कि नाग कन्याएं प्राण की रक्षा की प्रार्थना करने लगी।
श्री कृष्ण ने कालिया को नंद गांव से दूर जाने के लिए कह कर माफ कर दिया। कालिया ने श्री कृष्ण के सामने सिर झुका दिया और श्री कृष्ण ने कालिया के फन पर खड़े होकर नटराज के रूप में नृत्य करना शुरू कर दिया। नंद गांव के लोगों ने जब इस दृश्य को देखा तो हैरान रह गए और उन्हें विश्वास होने लगा कि श्री कृष्ण महामानव हैं।
4.गोवर्धन पर्वत की लीला- जब इंद्र बहुत क्रोधित हो गए तो उन्होंने क्रोध में आकर मूसलाधार बरसात करना शुरू कर दिया जिससे नंदगांव के पशुओं और लोगों की रक्षा के लिए श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया और कई दिनों तक सक कुछ सामान्य चलता रहा तब इंद्र को माफी मांगने के लिए श्री कृष्ण के सामने आना पड़ा। जब लोगों ने श्री कृष्ण की यह लीला देखी तो उन्हें पूरा यकीन हो गया कि श्री कृष्ण मनुष्य रूप में भगवान हैं। और श्री कृष्ण के कहने पर गोवर्धन पर्वत की पूजा शुरू कर दी और तभी से हर साल गोवर्धन पर्वत की पूजा की परंपरा चली आ रही है। इस लीला को देखकर पूरा का पूरा नंदगांव हिल गया था
5.कंस के पहलवानों से युद्ध- श्री कृष्ण ने युद्ध के मैदान में कंस के पहलवानों को ऐसी धूल चटाई और फिर कंस का वध किया कंस केेे पहलवानों को पराजित करके कंस का वध करना किसी सामान्य व्यक्ति के वश की बात नहीं थी। जैसे ही श्री कृष्ण ने कंस का वध किया चारों दिशों से श्री कृष्ण के जयकारे गूंज उठे। और लोग उनकी जय-जयकार करने लगे
6.श्री कृष्ण ने सांदीपनि के पुत्र को लौटाया -श्री कृष्ण के गुरू संदीपिनी के पुत्र की वर्षो पहले सागर में डूब जाने के कारण मृत्यु हो चुकी थी। गुरू दक्षिणा देने के समय श्री कृष्ण ने गुरू के मन की बात जान ली क्योंकि श्री कृष्ण तो अंतर्यामी थे और उनके पुत्र को वापस जीवित करके उन्हें लौटा दिया। जब गुरू ने अपने पुत्र को जीवित देखा तो उन्हें यकीन हो गया कि श्री कृष्ण मनुष्य देह धारण किए हुए वास्तव में परमात्मा हैं क्योंकि मरे हुए व्यक्ति को जीवित करना किसी मनुष्य या सामान्य देवता के वश की बात नहीं है। और गुरु सांदीपनी भी श्रीकृष्ण के सामने झुक गए
7. द्रोपदी का चीर हरण- चीर हरण के समय द्रौपदी ने श्री कृष्ण का ध्यान किया और श्री कृष्ण ने द्रोपती की लाज बचाने के लिए ऐसी लीला की और द्रौपदी की साड़ी इतनी लंबी होती चली गई कि दुशासन थक कर बैठ गया। इस तरह श्री कृष्ण ने द्रौपदी की लाज बचाई। द्रौपदी और श्री कृष्ण की इस लीला से कौरवों की पूरी सभा ने श्री कृष्ण को भगवान रूप में जाना। और श्री कृष्ण के चरणों में झुक गए
8.श्री कृष्ण का दिव्य रूप -पांडवों के दूत बनकर जब श्री कृष्ण दुर्योधन के पास पहुंचे तो दुर्योधन ने श्री कृष्ण को बंदी बनाने का आदेश दिया। इस समय श्री कृष्ण ने अपना दिव्य रूप धारण करके पूरी सभा को हैरान कर दिया। इस समय भीष्म और विदुर ने श्री कृष्ण को विष्णु रूप में देखा। और भीष्म और विदुर भी श्रीकृष्ण के सामने नतमस्तक हो गए और उनकी जय-जयकार करने लगे
9.महाभारत युद्ध के दौरान भविष्यवाणी- जब महाभारत का युद्ध चल रहा था तो महाभारत युद्ध के दौरान हर दिन मूंगफली खाकर युद्ध में मरने वालों की संख्या की भविष्यवाणी करना यह भी बताता है कि श्री कृष्ण मानव नहीं महामानव हैं।
10.श्री कृष्ण का विराट रूप- तो दोस्तों यह है श्रीकृष्ण की सबसे अंतिम और भव्य लीला श्री कृष्ण की सबसे भव्य लीला थी उनका विराट रूप धारण करके अर्जुन को जीवन और मृत्यु के रहस्य का बोध करना। श्री कृष्ण का विराट रूप साक्षात् उनके परब्रह्म परमेश्वर होने का सबूत देता है और इसके बाद कोई शक नहीं रह जाता कि श्री कृष्ण मानव देह में श्री विष्णु के अवतार हैं।
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