(2)दूरदर्शन का प्रारंभ
(3)भारत में दूरदर्शन
(4)दूरदर्शन की उपयोगिता
(5)दूरदर्शन से हानियां
(6)उपसंहार
(1) प्रस्तावना- दूरदर्शशन ने आज सारे संसार को एक परिवार बना दिया है संसार के किसी भी कोने में घटित होने वाली किसी भी बात की जानकारी चित्र सहित दूरदर्शन सारे संसार में तुरंत पहुंचा देता है दूरदर्शन आज हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण हो गया है
(2) दूरदर्शन का प्रारंभ- 25 जनवरी सन 1927 ईस्वी को इंग्लैंड में एक इंजीनियर जॉन बेयर्ड ने रॉयल इंस्टीट्यूट के सदस्यों के समक्ष दूरदर्शन का पहला प्रदर्शन किया था उसने कठपुतली का चेहरा रेडियो की तरंगों की सहायता से पास के कमरे में बैठे वैज्ञानिकों के सामने निर्मित कर सभी को विस्मित कर दिया था इस प्रकार सर्वप्रथम बेयर्ड ने इसकी खोज कर हजारों सालों के सपनों को साकार रूप दिया आज तो ना केवल भारतवर्ष बल्कि संपूर्ण विश्व में टीवी चैनलों का एक जाल सा बिछ गया है गांव गांव और नगर नगर में इसने अपनी घुसपैठ कर ली है दूरदर्शन की तकनीक कुछ रेडियो पर आधारित है जिस प्रकार रेडियो किसी ध्वनि को विद्युत तरंगों में बदलकर दूर दूर तक प्रसारित कर देता है और प्रसारित विद्युत तरंगों को पुनः ध्वनि में बदल देता है उसी प्रकार दूरदर्शन प्रकाश को विद्युत तरंगों मैं बदल कर प्रसारित करता है रेडियो द्वारा प्रसारित धोनी को हम सुन सकते हैं और दूरदर्शन द्वारा प्रसारित ध्वनि दृश्य को देख सकते हैं
(3) भारत में दूरदर्शन- 1927 में इंग्लैंड में अविस्कृत दूरदर्शन धीरे-धीरे सन 1959 ईस्वी में भारत में प्रवेश कर गया भारत में पहला दूरदर्शन केंद्र नई दिल्ली में 15 सितंबर 1959 को स्थापित किया गया था इसके पश्चात् 1972 ईस्वी में बंबई और 1973 ईस्वी में कश्मीर मैं दूरदर्शन केंद्र स्थापित किए गए 1980 ईस्वी से तो इस कार्य में और भी प्रगति हुई और 21 सालों में देश के कोने कोने में दूरदर्शन पहुंच गया इस समय देश मैं दूरदर्शन के 542 ट्रांसमीटर कार्य कर रहे हैं
(4) दूरदर्शन की उपयोगिता- दूरदर्शशन को एक वैज्ञानिक चमत्कार समझ कर नहीं छोड़ा जा सकता है बल्कि यह तो वैज्ञानिक प्रगति और माननीय विकास की दृष्टि से काफी उपयोगी सिद्ध हुआ है मनोरंजन के साथ ही साथ शिक्षाा के क्षेत्र मैं दूरदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है विभिन्न विषयों के शिक्षण कार्यक्रम दूरदर्शन पर दिखाए जाते हैं इसके अतिरिक्त अन्य कई ज्ञानवर्धक कार्यक्रम दिखाए जाते हैं इसी तरह चिकित्साा आदि के क्षेत्रों मैं नई नई खोजों को दूरदर्शन पर दिखा कर लोगों को जानकारी दी जाती है दूरदर्शन उद्योगों की उन्नति के लिए विज्ञापनों द्वारा सहायक है इसके अतिरिक्त हम अन्य अनेक राजनीतिक धार्मिक सांस्कृतिक सामाजिक कार्यक्रमों को दूरदर्शन पर देख सकते हैं और लाभान्वित हो सकते हैं और होते भी हैं भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में दूरदर्शन की विशेष भूमिका रही है मानसून ग्रहों नक्षत्रों प्राकृतिक आपदाओं आदि की सही जानकारी हमें इसी के माध्यम से प्राप्त होती है अतः दूरदर्शन हर क्षेत्र में हमारे लिए उपयोगी सिद्ध हुआ है
(5) दूरदर्शन से हानियां- दूरदर्शशन से जहां हमे अनेक लाभ हैं वही उससे कुछ हानिया भी हैं इससे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है बच्चों की पढ़ाई में व्यवधान उत्पन्न होता है अनेक बार दूरदर्शन में खोए होने के कारण चोरी मृत्यु आदि की घटनाएं घट जाती हैं लेकिन स्वयं को थोड़ा सा अनुशासित एवं नियंत्रित करके इन सब हानियों से सहज ही बचा जा सकता है और इसलिए जीवन में
दूरदर्शन का उपयोग कम से कम ही करना चाहिए
(6) उपसंहार- आज दूरदर्शन हमारे मनोरंजन का एक सशक्त एवं प्रभावशाली माध्यम बन गया है जिन स्थानों पर हमारा आसानी से पहुंचना संभव नहीं है वह का सुख हमें दूरदर्शन से प्राप्त हो जाता है आज के युग में दूरदर्शन विज्ञान की अनुपम देन है इसमें बरदानों का बसंत कलित क्रीड़ा कर रहा है यदि हमारा दृष्टिकोण उदार तथा विशाल हो तो दूरदर्शन हमें ज्ञान के विकास एवं उन्नत पथ पर अग्रसर कर सकता है इसके लिए हमें उसका उचित प्रयोग करना होगा दूरदर्शी बनकर ही दूरदर्शन का लाभ उठाना चाहिए